Saturday, September 23, 2017

Jay Aadya Shakti Aarti

Gujarati Aarti of Ambe Maa in Hindi

Word 2003 File, Word 2007, PDF

श्री अम्बे माताजी की आरती
 
जय आद्या शक्ति, माँ जय आद्या शक्ति
अखण्ड ब्रह्माण्ड निपाव्या, अखण्ड ब्रह्माण्ड निपाव्या, पडवे पण्डित माँ, ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे ।

द्वितीया बेय स्वरूप, शिवशक्ति जाणु, माँ शिवशक्ति जाणु,
ब्रह्मा गणपति गाए, ब्रह्मा गणपति गाए, हर गाए हर माँ, ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे ।

तृतीया त्रण स्वरूप, त्रिभुवनमा बेठा, माँ त्रिभुवनमा बेठा,
त्रया थकी तरवेणी, त्रया थकी तरवेणी, तू तरवेणी माँ, ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे ।

चोथे चतुरा महालक्ष्मी माँ सचराचर व्याप्या, माँ सचराचर व्याप्या,
चार भुजा चौदिशा, चार भुजा चौदिशा, प्रगट्या दक्षिणमा, ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे ।

पंचमी पंच ऋषि, पंचमी गुण पद्मा, माँ पंचमी गुण पद्मा,
पंच तत्त्व त्यां सोहीये, पंच तत्त्व त्यां सोहीये, पंचे तत्त्वोमा, ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे ।

षष्ठि तू नारायणी महिषासुर मार्यो, माँ महिषासुर मार्यो,
नर-नारीना रूपे, नर-नारीना रूपे, व्याप्या सर्वे माँ, ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे ।

सप्तमी सप्त पाताल सन्ध्या सावित्री, माँ सन्ध्या सावित्री,
गौ गंगा गायत्री, गौ गंगा गायत्री, गौरी-गीता माँ, ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे ।

अष्टमी अष्ट भुजा आयी आनन्दा, माँ आयी आनन्दा,
सुरनर मुनिवर जन्म्या, सुरनर मुनिवर जन्म्या, देवो देत्यो माँ, ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे ।

नवमी नवकुल नाग सेवे नवदुर्गा, माँ सेवे नवदुर्गा,
नवरात्रिना पूजन, शिवरात्रिना अर्चन, कीधा हर ब्रह्मा, ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे ।

दशमी दश अवतार जय विजयादशमी, माँ जय विजयादशमी,
रामे राम रमाड्या, रामे राम रमाड्या, रावण रोयो माँ, ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे ।

एकादशी अगियारस कात्यायनी कामा, माँ कात्यायनी कामा,
कामदुर्गा कालिका, कामदुर्गा कालिका,श्यामा ने रामा, ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे ।

बारशे बाला रूप बहुचरी अम्बामाँ, माँ बहुचरी अम्बामाँ,
बटुक भैरव सोहीये, काल भैरव सोहीये, तारा छे तुजमा, ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे ।

तेरशे तुलजा रूप तू तारूणी माता, माँ तू तारूणी माता,
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव, ब्रह्मा विष्णु सदाशिव, गुण तारा गाता, ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे ।

चौदशे चौदारूप चण्डी चामुन्डा, माँ चण्डी चामुन्डा,
भाव भक्ति कोई आपो, चतुराई कोई आपो, सिंहवाहिनी माता, ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे ।

पुनमे कुम्भ भर्यो सांभलजो करुणा, माँ सांभलजो करुणा,
वशिष्ठदेवे वखाण्या, मार्कण्ड देवे वखाण्या, गाई शुभ कविता, ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे ।

संवत सोल सतावन सोलसे बावीस मा, माँ सोलसे बावीस मा,
संवत सोले प्रगट्या, संवत सोले प्रगट्या, रेवाने तीरे, गंगाने तीरे, ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे ।

त्रंबावटी नगरी, रूपावती नगरी, माँ मंछावती नगरी
सोल सहस्र त्यां सोहीये, सोल सहस्र त्यां सोहीये, क्षमा करो गौरी, माँ दया करो गौरी
ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे ।

शिव-शक्ति नी आरती जे कोई गाशे, माँ जे कोई गाशे,
भणे शिवानन्द स्वामी, भणे शिवानन्द स्वामी, सुख सम्पति थाशे,
हर कैलाशे जाशे, माँ अम्बा दु:ख हरशे, ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे ।

भाव न जाणु भक्ति न जाणु न जाणु सेवा, माँ न जाणु सेवा, 
वल्लभ भट्टने राख्या, वल्लभ भट्टने राख्या, चरणे सुख देवा, ॐ जयो जयो माँ जगदम्बे ।

।। बोलो श्री अम्बे मात की जय ।।